हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी, साथ चलती है हम अब तन्हा नहीं, चलते दवा भी साथ चलती है अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ, भी नहीं होगा मैं जब घर से निकलता हूँ, दुआ भी साथ चलती है |